चंद्रशेखर कौन सा समास है ( विश्लेषण सहित संपूर्ण जानकारी )

आज के इस लेख के माध्यम से हम जानेंगे कि चंद्रशेखर कौन सा समास है एवं उस समास से जुड़ी पूरी जानकारी।

चंद्रशेखर भगवान शिव को कहा जाता है क्योंकि उन्होंने अपने सिर पर चंद्रमा धारण किया हुआ है। चंद्रशेखर का अर्थ होता है सिर पर चंद्रमा का विराजमान होना।

शब्दार्थ

चंद्र = चंद्रमा, चांद

शेखर = सिर

चंद्रशेखर = चंद्रमा है सिर पर जिसके अर्थात भगवान शिव

समास की परिभाषा:- इस लेख को आरंभ करने से पूर्व हमें यह समझ लेना चाहिए कि समास का अर्थ क्या होता है। समास का अर्थ होता है संक्षिप्तीकरण इसका मतलब की संक्षिप्त करना, कम शब्दों में बात कहना। जब दो या दो से अधिक शब्दों से मिलकर एक नया शब्द बनाते हैं तो उसे समास कहा जाता है, इसके मुख्यतः 6 भेद होते हैं – अव्ययीभाव, कर्मधारय, बहुव्रीहि, द्वंद्व, तत्पुरुष एवं द्विगु समास। समास की विस्तार से जानकारी प्राप्त करने के लिए नीचे दिया गया लेख पढ़ें – समास की परिभाषा, भेद और उदाहरण सहित पूरी जानकारी

चलिए अब पढ़ते हैं कि इसमें कौन सा समास विद्यमान है

चंद्रशेखर कौन सा समास है

चंद्रशेखर में बहुव्रीहि समास का प्रयोग हुआ है

क्योंकि यहां पर दोनों पद प्रधान नहीं है, बल्कि दोनों मिलकर किसी तीसरे पद का निर्माण कर रहे हैं जिसकी वजह से यहां पर बहुव्रीहि समास का प्रयोग हुआ है। चंद्र का अर्थ होता है चंद्रमा जो कि पहला पद है, वही शेखर का अर्थ होता है सिर जो कि दूसरा पद है, चंद्रशेखर का अर्थ होता है चंद्र है जिसके सिर पर मतलब कि भगवान शिव की ओर इशारा किया जा रहा है इसलिए यहां पर बहुव्रीहि समास का प्रयोग हुआ है।

विश्लेषण

चंद्रशेखर = चंद्र + शेखर

जैसा कि साफ दिख रहा है कि यहां पर विग्रह करने पर दो शब्द निकल कर आते हैं, चंद्र और शेखर जिसमें दोनों शब्द ही प्रधान है और दोनों मिलकर एक तीसरे शब्द का निर्माण कर रहे हैं जो एक नवीन व्यक्ति की ओर इशारा कर रहा है जिनका नाम है शिव। इसलिए यहां पर बहुव्रीहि समास है।

चलिए अब बहुव्रीहि समास को विस्तार से समझते हैं

बहुव्रीहि समास की परिभाषा

जब दोनों पद प्रधान ना होकर एक नवीन पद का निर्माण करें तब वहां पर बहुव्रीहि समास होता है। सरल भाषा में कहें तो जहां पर भी दो पद सामने आए परंतु कोई तीसरा पद प्रधान हो तो वहां पर बहुव्रीहि प्रयोग में आता है।

उदाहरण के लिए

१. वीणापाणि  – वीणा है कर में जिसके अर्थात माता सरस्वती

२. चंद्रशेखर = चंद्रमा है सिर पर जिसके अर्थात भगवान शिव

३. मृत्युंजय – मृत्यु को जीतने वाला अर्थात भगवान शिव

४. घनश्याम  – घन के समान है जो अर्थात भगवान श्री कृष्ण

५. गिरिधर   – गिरी को धारण किया हो जिसने अर्थात भगवान श्री कृष्ण

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निष्कर्ष

इस लेख के माध्यम से हमने समझा की चंद्रशेखर कौन सा समास है एवं बहुव्रीहि समास की संपूर्ण जानकारी हासिल की। आशा है आपको यह लेख ज्ञानवर्धक लगा होगा और आप अपने सहपाठियों के साथ इसे जरूर शेयर करेंगे ताकि उनका भी भला हो, अगर आपके मन में समाज से जुड़े कोई सवाल है तो नीचे पूछ सकते हैं और इसी प्रकार के अन्य लेख अगर आप भविष्य में चाहते हैं तो भी आप नीचे कमेंट बॉक्स में लिखकर जरूर बताइएगा।

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