व्यक्तिवाचक संज्ञा की परिभाषा, भेद, और उदाहरण

आज के इस लेख में हम व्यक्तिवाचक संज्ञा की परिभाषा, पहचान, और उदाहरण का विस्तार से अध्ययन करेंगे।

यह भी जानेंगे कि जातिवाचक संज्ञा का प्रयोग व्यक्तिवाचक के रूप में कैसे होता है और व्यक्तिवाचक का प्रयोग जातिवाचक के रूप में कैसे होता है।

संज्ञा के मुख्यतः तीन भेद माने गए हैं जिनके नाम है

व्यक्तिवाचक,

जातिवाचक

तथा भाववाचक।

विद्वानों के अनुसार जातिवाचक संज्ञा के भी दो भेद होते हैं जिनके नाम है द्रव्यवाचक तथा समूहवाचक।

आज के लेख में हम व्यक्तिवाचक संज्ञा को विस्तार से पढ़ेंगे।

व्यक्तिवाचक संज्ञा

परिभाषा:- यह वह संज्ञा शब्द होते हैं जिनसे हमें किसी विशेष व्यक्ति, किसी विशेष स्थान, वस्तु तथा प्राणी का बोध होता है, इन्हें हम व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं

जैसे – सचिन तेंदुलकर, महात्मा गांधी, महेंद्र सिंह धोनी, ताजमहल, लखनऊ, आगरा, रामायण।

व्यक्तिवाचक संज्ञा के कुछ उदाहरण

१. महेंद्र सिंह धोनी क्रिकेट के एक महान खिलाड़ी है।

( इस वाक्य में महेंद्र सिंह धोनी एक विशेष व्यक्ति का नाम है इसलिए यहां पर व्यक्तिवाचक संज्ञा है। )

२. गुरुद्वारा बंगला साहिब एक अत्यंत सुंदर स्थल है।

( इस वाक्य में गुरुद्वारा बंगला साहब एक स्थल का नाम है इसलिए यहां पर व्यक्तिवाचक का प्रयोग हुआ है )

३. गंगा नदी हिंदुओं में सबसे पवित्र मानी जाती है।

४. दिल्ली भारत की राजधानी है।

५. स्वामी विवेकानंद एक महान व्यक्ति थे जिन्होंने युवाओं को योग का महत्व बताया।

६. सरदार वल्लभ भाई पटेल को लौह पुरुष कहा जाता है।

यहां पर व्यक्तिवाचक इसलिए है क्योंकि सरदार वल्लभभाई पटेल एक विशेष व्यक्ति हैं ( जिन्होंने भारत को एक सूत्र में जोड़ने का काम किया था )

७. रोनाल्डो और मेसी फुटबॉल के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी हैं।

इस वाक्य में दो व्यक्तिवाचक संज्ञा वाले शब्द है जिनके नाम है रोनाल्डो और मेसी। वह इसलिए क्योंकि यह दोनों ही एक प्रसिद्ध खिलाड़ी है और एक विशेष व्यक्ति हैं।

८. राम मेरा सबसे प्रिय मित्र है।

९. रामचरितमानस हिंदुओं का एक पवित्र ग्रंथ है। ( एक विशेष ग्रंथ भी व्यक्तिवाचक के अंतर्गत आता है )

१०. मोहन हैदराबाद से दिल्ली जा रहा है।

इस वाक्य में तीन व्यक्ति वाचक संज्ञा का प्रयोग हुआ है। पहले मोहन एक विशेष व्यक्ति का नाम है, फिर हैदराबाद और दिल्ली एक विशेष जगह का नाम है इसलिए इस वाक्य में 3 व्यक्तिवाचक शब्दों का प्रयोग है।

११. चंद्रगुप्त मौर्य एक महान राजा थे।

व्यक्तिवाचक संज्ञा का जातिवाचक संज्ञा के रूप में प्रयोग

सबसे पहले समझते हैं कि जातिवाचक संज्ञा क्या होती है

जो संज्ञा शब्द किसी विशेष व्यक्ति प्राणी स्थान एवं वस्तु का बोध नहीं करते परंतु एक ही जाति के विभिन्न व्यक्तियों, प्राणियों, स्थानों एवं वस्तुओं का बोध कराती है उन्हें हम जातिवाचक संज्ञा कहते हैं

जैसे कि – पर्वत, शहर, इमारत, हिंदू, नदी, उपवन आदि।

अब हम यह समझेंगे कि व्यक्तिवाचक का जातिवाचक के रूप में प्रयोग कैसे होता है

जब कभी व्यक्तिवाचक संज्ञा शब्द ऐसे व्यक्तियों की ओर संकेत करती हैं जो समाज में विचित्र एवं दुर्लभ गुणों के कारण अलग पहचाने जाते है। एवं उन व्यक्तियों का नाम लेते ही उनसे जुड़े गुण हमारे मस्तिष्क में उभर कर आते हैं और हम उन्हें तुरंत पहचान लेते हैं।

जैसे कि

१. राजा हरिश्चंद्र को हम सत्यवादी होने के लिए जानते हैं।

२. जयचंद को विश्वासघात के लिए जाना जाता है।

३. अर्जुन को महान धनुर्धर के रूप में जाना जाता है।

४. महात्मा गांधी को महात्मा के लिए जाना जाता है।

कभी-कभी इन व्यक्तियों का नाम लिख दिया जाता है बिना गुणों के चर्चा किए

जैसे

१. इस देश में जयचंदों की कमी नहीं है

( यहां पर जयचंद का प्रयोग विश्वासघात एवं देशद्रोह जैसे गुणों को दिखाने के लिए किया जा रहा है ) इसलिए यहां पर व्यक्तिवाचक का प्रयोग जातिवाचक के रूप में हुआ है।

जैसा कि हमने पहले उदाहरण में देखा की जयचंद की जगह जयचंदों शब्द का इस्तेमाल किया गया है। क्योंकि जातिवाचक संज्ञा के समान प्रयोग होने के कारण व्यक्ति वाचक शब्द बहुवचन में प्रयोग किए गए हैं।

जातिवाचक का व्यक्तिवाचक के रूप में प्रयोग

जिस प्रकार व्यक्तिवाचक का जातिवाचक के रूप में प्रयोग होता है उसी प्रकार जातिवाचक का भी व्यक्तिवाचक संज्ञा का रूप में प्रयोग किया जाता है।

उदाहरण द्वारा समझे

१. नेताजी ने कहा – तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा

यहां पर नेताजी जातिवाचक संज्ञा शब्द है परंतु नेताजी मतलब सुभाष चंद्र बोस एक व्यक्ति विशेष है जिसकी वजह से यहां पर जातिवाचक का व्यक्तिवाचक संज्ञा के रूप में प्रयोग हुआ है।

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निष्कर्ष

आइए जानते हैं इस लेख के माध्यम से हमने क्या-क्या जाना। सबसे पहले हमने यह समझा कि संज्ञा क्या होती है और फिर हमने व्यक्तिवाचक की परिभाषा को समझा।

हमने कुछ उदाहरण देखें और हमने जाना कि यह कई तरीके से प्रयोग हो सकता है और इसको समझना कैसे बहुत आसान है।

हमने इसके बाद यह भी जाना कि जातिवाचक संज्ञा का प्रयोग व्यक्तिवाचक के रूप में कैसे होता है एवं व्यक्तिवाचक का प्रयोग जातिवाचक के रूप में कैसे किया जाता है। इसके हमने कई उदाहरण भी देखें जिससे यह विषय समझने में सरलता हुई।

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