रूठे सुजन मनाइए दोहे की व्याख्या ( रहीम के दोहे )
रूठे सुजन मनाइए, जो रूठे सौ बार। रहिमन फिरि-फिर पोहिए, टूटे मुक्ताहार॥ शब्दार्थ सुजन = अच्छे लोग पोहिए = जोड़िए इस दोहे की रचना करने वाले = रहीम रूठे सुजन मनाइए दोहे की व्याख्या यह दोहा रहीम द्वारा निर्मित है। इस दोहे के माध्यम से रहीम कहना चाहते हैं कि अगर आपके मित्र अथवा परिवार के लोग आपसे …