इस लेख में हम सबसे पहले यह जानेंगे कि समास क्या होता है, फिर यथाशक्ति का समास विग्रह देखेंगे और अन्य उदाहरणों को भी पढ़ेंगे जिससे आपको इस टॉपिक में आसानी होगी।
समास किसे कहते है
समास का शाब्दिक अर्थ संक्षिप्तीकरण होता है, इसका मतलब वह दो या दो से अधिक शब्द जिन को जोड़कर एक शब्द का निर्माण हो सके वहां समास होता है। इसके छः भेद होते है।
यथाशक्ति अव्ययीभाव समास के अंतर्गत आता है
अव्ययीभाव समास किसे कहते हैं :- जिस समस्त पद में पूर्वपद अर्थात पहला शब्द प्रधान होता है वहां अव्ययीभाव समास होता है।
जैसे
यथाशक्ति = यथा + शक्ति
जिसको विग्रह करने पर यथा + शक्ति होता है अर्थात शक्ति के अनुसार इसमें यथा शब्द की प्रधानता के कारण शब्द परिवर्तित हो जाता है। अतः पूर्व पद वाले सभी शब्द अव्ययीभाव समास माने जाते हैं।
शब्द का वाक्य में प्रयोग
- किसी भी कार्य को यथाशक्ति किया जाना चाहिए।
- यथाशक्ति तथा भक्ति।
- यथाशक्ति दान करना सर्वश्रेष्ठ माना गया है।
- राजा अपने राज्य की रक्षा यथाशक्ति करते ही हैं।
यथाशक्ति का समास विग्रह ( yatha shakti samas vigrah )
प्रश्न – यथाशक्ति का समास विग्रह क्या होगा ?
उत्तर – यथाशक्ति का समास विग्रह यथा+शक्ति अर्थात शक्ति के अनुसार। यह अव्ययीभाव समास के अंतर्गत आता है।
अव्ययीभाव समास में पहला / पूर्व पद प्रधान होता है।
उदाहरण
1. वीरों ने शत्रुओं का यथाशक्ति सामना किया और विजय हासिल की
( इस वाक्य का आशय यह है की वीर पुरुषों ने शत्रुओं का यथाशक्ति अर्थात शक्ति के अनुसार सामना किया )
2. राजा विक्रमादित्य ने साधु को यथाशक्ति दान दिया
अव्ययीभाव समास के अन्य उदाहरण
आजीवन – आ+जीवन
भरपेट – भर+पेट
आदि
निष्कर्ष
आज हमने सीखा यथाशक्ति का समास विग्रह क्या होगा एवं हमने यह भी जाना कि अव्ययीभाव समास क्या होता है और उसके अन्य उदाहरण भी हमने पढ़े। उपरोक्त अध्ययन से हमने पाया कि समास का मुख्य गुण संक्षिप्तीकरण है। यथाशक्ति का संबंध अव्ययीभाव समास से है क्योंकि इसका पहला पद प्रधान है।
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