आए महंत वसंत में कौन सा अलंकार है

आए महंत वसंत एक कविता है जिसकी रचना सर्वेश्वर दयाल सक्सेना द्वारा की गई है। इस पंक्ति में कौन सा अलंकार मौजूद है इसका ज्ञान हम आज के लेख में प्राप्त करेंगे। इसकी शुरुआती पंक्ति है मखमल के झूल पड़े हाथी-सा टीला…. और अंतिम पंक्ति है तरु तरु की ध्वजा उठी जय जय का है … Read more

प्रेम बोली बोई में कौन सा अलंकार है

इस लेख में हम समझेंगे कि प्रेम बोली बोई में कौन सा अलंकार है। लेख को आरंभ करने से पूर्व हमें हमें अलंकार का थोड़ा ज्ञान ले लेना चाहिए। मुख्यतः अलंकार दो प्रकार के माने गए हैं जिसमें पहला है शब्दालंकार और दूसरा अर्थालंकार। शब्दालंकार के अंतर्गत – अनुप्रास , यमक तथा श्लेष अलंकार को माना … Read more

रहिमन पानी राखिए बिन पानी सब सून में अलंकार एवं व्याख्या

दोहा:- रहिमन पानी राखिये , बिन पानी सब सून। पानी गये न ऊबरे, मोती, मानुष, चून॥ व्याख्या:- इस दोहे में पानी शब्द का तीन बार प्रयोग किया गया है और इसके तीन अर्थ निकलते हैं। यहां पर पानी का पहला अर्थ मनुष्य से जोड़कर किया गया है। रहीम कहना चाहते हैं कि मनुष्य को पानी … Read more

माली आवत देखकर कलियन करे पुकार में कौन सा अलंकार है

माली आवत देखकर , कलियन करे पुकारि। फूले फूले चुनि लिये, कालि हमारी बारि॥ व्याख्या – उपर्युक्त दोहा कबीर दास की दोहा वली से अवतरित है ,जिसमें कलियां आपस में बात करते हुए प्रतीत हो रही है जो जीवन के रहस्य की ओर संकेत भी कर रही है। जीवन-मृत्यु इस पृथ्वी पर चलता रहता है … Read more