ऐसी वाणी बोलिए ( अर्थ एवं व्याख्या ) संत कबीर दास के दोहे

दोहा:-ऐसी वाणी बोलिए, मन का आपा खोये।

औरन को शीतल करें, आपहुं शीतल होएं।।

शब्दार्थ

शीतल – ठंडा

आपहुं – स्वयं

आपा – गुस्सा

वाणी – वचन

यह दोहा कबीर दास द्वारा लिखा गया है।

ऐसी वाणी बोलिए दोहा का व्याख्या

व्याख्या:- इस दोहे के माध्यम से कबीर दास कहना चाहते हैं कि मनुष्य को ऐसी वाणी बोलनी चाहिए जिससे सुनने वाले व्यक्ति का गुस्सा कम हो जाए तथा वह मन में शीतलता का अनुभव करे। ऐसा करने से ना सिर्फ सुनने वाले व्यक्ति का मन शीतल होगा बल्कि आपका भी मन शीतल होगा और आपको मन की शांति प्राप्त होगी।

कबीर अपने दोहे द्वारा समाज में व्याप्त गलत चीजों की ओर इशारा करते हैं तथा वह अपने दोहे द्वारा सीख देते हैं की मानवता को किस प्रकार से उठाया जाए। यह दोहा वाकई आज के समाज के लिए बहुत जरूरी है। आज के जमाने में कोई भी किसी से कम नहीं देखना चाहता और इसके कारण झगड़े बढ़ते जा रहे हैं और लोग एक दूसरे से लड़ने के नए नए बहाने खोज रहे हैं। इसमें मीठी वाणी का प्रयोग इन झगड़ों को कम कर सकता है तथा मनुष्यता को एक नया आयाम दिया जा सकता है।

उदाहरण के लिए

आपने कई बार अपनी जिंदगी में ऐसा देखा होगा कि जब दो व्यक्ति आपस में लड़ रहे होते हैं या फिर बहस कर रहे होते हैं तो उनमें से कोई भी मीठा बोलने का प्रयास नहीं करता। दोनों ही व्यक्ति अपनी बात को सिद्ध करने के लिए ऊंची आवाज में बोलते हैं तथा गुस्से का प्रयोग करते हैं जिससे बात और बिगड़ने लगती है और अंत में कुछ ऐसा होता है जिससे दोनों को शर्मिंदगी महसूस होती है।

परंतु वही अगर इस कबीर के दोहे का पालन किया जाए और उनमें से एक व्यक्ति भी अगर मीठा बोले और सामने वाले व्यक्ति को शीतल करने का प्रयास करें तो ऐसा बहुत से मामले में हो सकता है कि दोनों व्यक्ति खुशी-खुशी घर जाए और किसी प्रकार का मनमुटाव दोनों के बीच में ना रहे।

ऐसी वाणी बोलिए दोहे से सीख

१. क्रोध का जवाब मीठी वाणी से देना चाहिए।

२. गुस्से में हमें अपनी वाणी पर ध्यान देना चाहिए।

३. जब आप मीठा बोलते हैं तो सुनने और बोलने वाले दोनों व्यक्ति को शीतलता मिलती है।

४. मीठी वाणी से आप किसी के ऊपर भी विजय प्राप्त कर सकते हैं।

५. क्रोध पर विजय प्राप्त करना ही असली विजय है।

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निष्कर्ष

आशा है आपको हमारी यह प्रस्तुति कबीर के दोहे ऐसी वाणी बोलिए की व्याख्या पर अच्छी लगी होगी। अगर आपको इसी प्रकार से अन्य दोहे का भी इसी प्रकार से अर्थ एवं व्याख्या सहित लेख चाहिए तो आप नीचे कमेंट बॉक्स में हमें सूचित कर सकते हैं कि अगला पोस्ट हम किस दोहे पर लेकर आए। आप हमारे इस लेख को अपने साथियों के साथ शेयर कर सकते हैं तथा समाज निर्माण में एक योगदान दे सकते हैं, साथ ही साथ अपने विचार भी नीचे कमेंट बॉक्स में जरूर लिखिए ताकि हमें पता चले कि आपको यह पोस्ट कैसा लगा।

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