आज के इस लेख में हम अनिश्चयवाचक सर्वनाम की परिभाषा, उसकी पहचान कैसे की जाती है तथा उसके बहुत सारे उदाहरण पड़ेंगे।
इससे पहले कि यह लेख आरंभ करें आपको पता होना चाहिए कि सर्वनाम क्या होता है। सर्वनाम वह शब्द होते हैं जो संज्ञा के स्थान पर प्रयोग होते हैं और संज्ञा शब्दों का दोबारा प्रयोग होने से बचाते हैं। सर्वनाम के 6 भेद होते हैं जिनके नाम है पुरुषवाचक, निश्चयवाचक, अनिश्चयवाचक, प्रश्नवाचक, निजवाचक तथा संबंधवाचक।
पिछले लेख में हमने आपको बताया था कि निश्चयवाचक सर्वनाम क्या होता है तथा उसके बहुत सारे उदाहरण भी पढ़े थे।
निश्चयवाचक सर्वनाम में किसी व्यक्ति, वस्तु की ओर निश्चय पूर्वक संकेत किया जाता है।
इस लेख में हम अनिश्चयवाचक सर्वनाम के बारे में बारीकी से अध्ययन करेंगे।
अनिश्चयवाचक सर्वनाम
परिभाषा:- जिस सर्वनाम शब्द के द्वारा किसी निश्चित व्यक्ति अथवा वस्तु का बोध ना हो उन्हें हम अनिश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं।
सरल भाषा में कहें तो यह निश्चयवाचक सर्वनाम का बिल्कुल उल्टा है, इसमें निश्चित तौर पर किसी व्यक्ति या वस्तु की ओर इशारा नहीं किया जाता। अर्थात बोलने वाला व्यक्ति संदेह की अवस्था में रहता है और उसे यह ज्ञात नहीं होता कि वह जिस और संकेत कर रहा है वह निश्चित है या नहीं।
उदाहरण के द्वारा समझते हैं
१. घर के बाहर कोई खड़ा है।
इस उदाहरण में आप देख सकते हैं कि कोई शब्द यहां पर शंका पैदा कर रहा है। यहां पर बोलने वाला व्यक्ति संशय की स्थिति में है और उसे यह नहीं पता कि बाहर सच में कोई खड़ा है या नहीं वह बस अनुमान लगा रहा है। वह इस वाक्य को इस प्रकार भी कह सकता है कि शायद घर के बाहर कोई खड़ा है। यहां पर निश्चित व्यक्ति की ओर इशारा नहीं किया जा रहा जिसके कारण यहां पर अनिश्चयवाचक सर्वनाम का उपयोग हुआ है।
२. मेरी चाय में कुछ पड़ा है।
३. उस रास्ते पर कोई जा रहा है।
४. छत पर कुछ पड़ा हुआ है।
पहचान
इन सभी उदाहरण को फिर से देखिए और समझने का प्रयास करिए कि किसी भी वाक्य में बोलने वाले व्यक्ति को यह ज्ञात नहीं है कि वास्तव में कौन खड़ा है या फिर उसके चाय में क्या पड़ा है। परंतु तब भी वह उसकी ओर इशारा कर रहा है जिसके कारण यहां पर अनिश्चयवाचक सर्वनाम का उपयोग हुआ है।
निश्चयवाचक तथा अनिश्चयवाचक सर्वनाम के बीच अंतर
निश्चयवाचक सर्वनाम में बोलने वाला व्यक्ति अपने वाक्य में जब किसी व्यक्ति या वस्तु की ओर इशारा कर रहा है तो वह निश्चित होता है और उसे पता होता है कि वह किसके बारे में बात कर रहा है परंतु वही अनिश्चयवाचक सर्वनाम में जो इशारा होता है वह अनिश्चित होता है तथा बोलने वाला व्यक्ति एक संदेश जनक वाक्य बोलता है।
अनिश्चयवाचक में जो शब्द इस्तेमाल होते हैं वह इस प्रकार है –
कुछ और कोई
जिससे आप समझ सकते हैं कि दोनों ही शब्द संदेह जनक वाक्य बोलने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं
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निष्कर्ष
आज के इस लेख में हमने पढ़ा के अनिश्चयवाचक सर्वनाम क्या होता है तथा इसकी पहचान कैसे की जाती है। इसके बहुत सारे उदाहरण भी हमने पढ़ें तथा हमने समझा की जब भी किसी वाक्य में संडे की स्थिति पैदा हो रही हो और बोलने वाले व्यक्ति को यह नहीं पता कि वास्तव में क्या हो रहा है तो वहां पर अनिश्चयवाचक का उपयोग होता है।
आशा है आप को अनिश्चयवाचक पर लिखा यह लेख बहुत ज्ञानवर्धक लगा होगा और आपको इससे संबंधित सब कुछ समझ में आ गया होगा, अगर ऐसा है तो आप अन्य विद्यार्थियों को भी हमारे वेबसाइट के बारे में बताएं और नीचे कमेंट बॉक्स में अपने सवाल या फिर अपने सुझाव जरूर प्रस्तुत करें।